दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. लेकिन इससे पहले विपक्षी दल ने विरोध शुरू कर दिया है. 20 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. विपक्षी दल इस मांग पर अड़ा है कि राष्ट्रपति नए संसद भवन का उद्घाटन करें. लेकिन अब कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने ही सभी विपक्षी पार्टियों को नसीहत दी है. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि अगर देश के प्रधानमंत्री संसद भवन का उद्घाटन नहीं करेंगे तो क्या पाकिस्तान के पीएम करेंगे?
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मोदी का विरोध करना ठीक है, लेकिन देश का विरोध करना सही नहीं: आचार्य प्रमोद कृष्णम
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर जारी सियासी संग्राम के बीच कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर कहा कि मोदी का विरोध ठीक है, लेकिन देश का विरोध नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि संसद भारत की धरोहर है, भाजपा की नहीं. अगर भारत के प्रधानमंत्री भारत की संसद का उद्घाटन नहीं करेंगे तो क्या इसका उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करेंगे? हमें मोदी का विरोध करने का अधिकार है लेकिन देश का विरोध करना सही नहीं है. मैं विपक्ष से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं.
कांग्रेस सहित 20 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक बहिष्कार करने की घोषणा की है. कांग्रेस, वाम दलों और आम आदमी पार्टी सहित विपक्षी दलों का कहना है कि इसका उद्घाटन पीएम को नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए. इतना ही नहीं विपक्ष ने मोदी सरकार पर राष्ट्रपति की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है.
यह लोकतांत्रिक सिद्धांत को कमजोर करने की कोशिश-कांग्रेस
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक यह राष्ट्रपति और भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को कमज़ोर करता है. आप लोकतांत्रिक सिद्धांतों और प्रोटोकॉल को कमज़ोर कर रहे हैं इसलिए कांग्रेस पार्टी ने सभी समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों से बात की और वह इस कार्यक्रम को बहिष्कार करने के लिए तैयार हुए. अगर राष्ट्रपति नए संसद भवन का उद्घाटन कर रही हैं तो आप (प्रधानमंत्री) एक मुख्य अतिथि के रूप में वहां मौजूद रह सकते हैं लेकिन आप उनकी (राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति) मौजूदगी नहीं चाहते.
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