दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल को पास कराने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया. विपक्ष के हंगामा के बीच इस बिल पर चर्चा जारी है.
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बिल को लेकर राज्यसभा में बोलते हुए भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 105 पन्नों के फैसले में कहीं भी दिल्ली पर कानून पारित करने के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पैराग्राफ 86, 95 और 164 F में कहा गया है कि संसद को दिल्ली के लिए कानून बनाने के सारे अधिकार हैं. 2013 में उन्होंने (दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल) ने ट्वीट कर कहा था कि तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित के आवास में 10 एयर कंडीशनर थे और यहां तक कि बाथरूम में भी AC था, उन्होंने यह भी पूछा कि बिजली बिल का भुगतान कौन करता है. आज केजरीवाल के घर में 15 बाथरूम हैं और उनमें 1 करोड़ रुपए के पर्द लगे हैं.
राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा का दृष्टिकोण किसी भी तरह से नियंत्रण करने का है. यह बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है, यह मौलिक रूप से अलोकतांत्रिक है, और यह दिल्ली के लोगों की क्षेत्रीय आवाज और आकांक्षाओं पर एक प्रत्यक्ष हमला है. यह संघवाद के सभी सिद्धांतों, सिविल सेवा जवाबदेही के सभी मानदंडों और विधानसभा-आधारित लोकतंत्र के सभी मॉडलों का उल्लंघन करता है. सिंघवी ने आगे कहा कि आज हम यह मांग कर रहे हैं कि संविधान ने जो अधिकार दिल्ली को दिए हैं, उन्हें मत छीनिए.
वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को लेकर राज्यसभा सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो लंबित है वह अध्यादेश की वैधता है, और दो प्रश्न संविधान पीठ को भेजे गए हैं और इसका सदन में बहस से कोई लेना-देना नहीं है.
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