दिल्ली: संसद में मॉनसून सत्र का तीसरा हफ्ता चल रहा है, ऐसे में सत्र के नौवें दिन भी भारी हंगामा की संभावना है. दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े आदेश को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री आज लोकसभा में बिल पेश करेंगे. विपक्षी दल मणिपुर मुद्दे पर सरकार को दोनों सदनों में घेरती आ रही है. जिसके चलते एक दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही सही से नहीं चल पाई है.
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आम आदमी पार्टी ने बिल का किया विरोध
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी इस बिल का विरोध कर रही है और उसने इसके लिए विपक्षी दलों से समर्थन मांगा है. कांग्रेस, जेडीयू समेत कई विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करने का ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने पहले इस मुद्दे पर अध्यादेश जारी किया था, जिसके खिलाफ आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख भी किया है. मामला पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष है.
तेज हुई सियासी बयानबाजी
आज लोकसभा में पेश किए जाने वाले एनसीटी दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक को लेकर AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि यह दिल्ली में लोकतंत्र को ‘बाबूशाही’ में बदल देगा. दिल्ली सरकार की सभी शक्तियां छीनकर भाजपा द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल को देने का प्रयास किया जा रहा है. ये बिल देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है. ये इसलिए किया क्योंकि भाजपा से आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की सफलता देखी नहीं जा रही.
वहीं इस बिल को लेकर शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हम सभी इसका विरोध करेंगे क्योंकि आज यह दिल्ली में हो रहा है, कल यह आंध्र प्रदेश, तेलंगाना या ओडिशा में हो सकता है. यह असंवैधानिक, अनैतिक, अलोकतांत्रिक अध्यादेश है. इसका सभी को विरोध करना चाहिए.
विपक्ष के विरोध के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दिल्ली सर्विस बिल को लेकर कहा कि AAP के लोग ऐसे बयान देते रहते हैं. हम संविधान के दायरे का पालन करते हुए काम करते हैं. गृह मंत्रालय ने इस बिल को अच्छे तरीके से तैयार किया है. पिछले 2 चुनाव से पूरे देश ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा का समर्थन किया है और लोग आने वाले चुनाव में भी भाजपा का समर्थन करने वाले हैं. अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम को समझना चाहिए कि यह भी एक चुनी हुई सरकार है.
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