गांधीनगर: चक्रवाती तूफान ‘बिपारजोय’ को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बड़ी चिंता जताई है. बिपारजोय से बड़े पैमाने पर नुकसान होने की संभावना है, इतना ही नहीं मौसम विभाग ने तूफान की तेज रफ्तार को लेकर भी चिंता जताई है. आईएमडी ने कहा कि गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले चक्रवाती तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं. मौसम विभाग के मुताबिक सौराष्ट्र और कच्छ के निचले इलाकों में 3 से 6 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं. ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.
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कच्छ और द्वारका चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात बिपारजोय वर्तमान में उत्तर-पूर्वी अरब सागर में केंद्रित है और उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है. द्वारका से करीब 200 किलोमीटर दूर है और इसके प्रभाव से कच्छ और द्वारका सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि तूफान आज मंगलवार को आंशिक रूप से कमजोर हुआ था, लेकिन 15 जून के आसपास एक बेहद खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है.
चक्रवात बिपरजोय को लेकर आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने आगे कहा कि 15 जून की शाम के आसपास यह चक्रवात सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के तटीय इलाके को पार करेगा. उस समय इसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटा रहेगी, इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है. 14 और 15 जून को भारी बारिश होगी.
वहीं NDRF के DIG मोहसिन शाहिदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिन इलाकों में ज्यादा क्षति होने की आशंका है वहां से लोगों को हटाया जा रहा है, अब तक 28 हजार लोगों को हटाया जा चुका है. हमने NDRF की 17 व SDRF की 13 टीमें तैनात की है. इसके अलावा हमने और 15 टीमों को आरक्षित रखा है. कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, राजकोट, जुनागढ़ व मोरबी में हमारी टीमें तैनात हैं.
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