पटना: बिहार की महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीएम में शामिल होने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में शराब पर लगे प्रतिबंध को लेकर बड़ा बयान दिया है. मांझी ने मंगलवार को लोगों से अपील की कि वे केवल उसे वोट दें जो राज्य में शराब पर लगा प्रतिबंध हटाएगा. गया जिले के मंगरवा महादलित टोला गांव में लोगों को संबोधित करते हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में पिछले 7 वर्षों से शराब पर प्रतिबंध है और इस कानून के कारण केवल गरीबों को दंडित किया जा रहा है.
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आईएएस और आईपीएस रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं
मांझी ने कहा कि सभी जानते हैं कि ज्यादातर आईएएस और आईपीएस अधिकारी, डॉक्टर, बिल्डर, ठेकेदार, मंत्री और नेता रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं, लेकिन उन्हें सजा नहीं मिलती है. दूसरी ओर, एक गरीब मजदूर जो दिन भर काम करने के बाद शराब पीता है वह अपराधी बन जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह गरीब पुलिस का आसानी से शिकार बन जाता है.
3.5 लाख मजदूरों-गरीबों को गिरफ्तार कर लिया गया
मांझी ने कहा कि पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों ने मंगरवा महादलित टोले में तोड़फोड़ की और गरीबों की पिटाई की. मैं लोगों से अपील करता हूं कि जो ताड़ी और शराब से प्रतिबंध हटायेगा, उसे ही वोट दें. उन्होंने कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद से 5 लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 3.5 लाख मजदूर और गरीब लोग हैं. गुजरात और झारखंड में भी शराब पर प्रतिबंध है, लेकिन वहां ऐसी स्थिति कभी पैदा नहीं हुई.
अच्छा हुआ कि वह हम से बिछड़ गए- नीतीश कुमार
गौरतलब है कि महागठबंधन से बाहर निकलने के बाद जीतन राम मांझी पर सीएम नीतीश कुमार ने निशाना साधते हुए कहा था कि वह भाजपा के मुखबिर बन गए थे. वह हमारे साथ रहने के बावजूद लगातार भाजपा के लोगों से मुलाकात करते थे. अच्छा ही हुआ अब वो हमसे बिछड़ गए. अब विपक्षी दलों की बैठक होनी है. अगर वे इस बैठक में मौजूद रहते तो हमारे बैठक आंतरिक मामलों को भाजपा के पास पहुंचा देते, इसलिए अच्छा हुआ कि उन्होंने हमारा साथ छोड़ दिया.
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