भाजपा ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया है. कोर्ट ने तीनों नेताओं को 27 जुलाई को पेश होने का आदेश जारी किया है.
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निर्वाचित पूर्व और मौजूदा सांसदों/विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए एक विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत अपराधों का संज्ञान लिया है. कोर्ट ने इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए 27 जुलाई तक का समय दिया है. इस संबंध में मंगलवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को समन जारी करने का आदेश दिया था.
क्या है मामला?
9 मई को कर्नाटक के राज्य सचिव एस केशवप्रसाद ने शिकायत दर्ज कराई थी, उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की छवि खराब करने के लिए विज्ञापन जारी किए हैं. इन विज्ञापनों में बीजेपी के बारे में झूठे दावे किए गए थे. शिकायत में कहा गया है कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस साल 5 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अखबारों में विज्ञापन दिया था. इसने दावा किया कि तत्कालीन भाजपा सरकार 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार में शामिल थी और उसने 1.5 लाख करोड़ रुपये लूटे हैं.
पहले भी फंस चुके हैं राहुल
बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने आरोप लगाया था राहुल ने अपनी टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. वायनाड से पूर्व लोकसभा सदस्य राहुल ने 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक जनसभा में मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी. 23 मार्च को कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी. उसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता भी चली गई है और सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा है.
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