दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र इस बार मणिपुर हिंसा, दिल्ली सर्विस बिल समेत कई मुद्दों को लेकर हंगामे की स्थिति से गुजर रहा है. लोकसभा में आज से केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत की है. चर्चा की शुरुआत में उन्होंने अलग-अलग मुद्दों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर वार किया.
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हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं- गौरव गोगोई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की. उन्होंने कहा, “हम अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हैं. यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था बल्कि मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था. मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि यह सदन सरकार में अविश्वास व्यक्त करता है. I.N.D.I.A. मणिपुर के लिए यह प्रस्ताव लाया है. मणिपुर न्याय चाहता है.”
#WATCH प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले लिया है। इसलिए उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हमारे पास उनके लिए तीन सवाल हैं – 1. वे आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए?, 2. आख़िरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ़… pic.twitter.com/0LOBzUwhyz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 8, 2023
पीएम न बोलने का व्रत ले रखा है
इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले लिया है. इसलिए उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा, हमारे पास उनके लिए तीन सवाल हैं एक वह आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए?, 2आख़िरकार मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लग गए और जब वे बोले तो सिर्फ़ 30 सेकंड के लिए?, 3. प्रधानमंत्री ने अब तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया?
फेल हो गई डबल इंजन की सरकार
लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई अविश्वास प्रस्ताव पर आगे बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में उनकी सरकार विफल हो गई है. इसीलिए, मणिपुर में 150 लोगों की मृत्यु हुई, लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 FIR दर्ज की गई हैं. राज्य के CM, जिन्हें बातचीत का, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में भड़काऊ कदम उठाए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हो गया है.
गौरव गोगोई ने आगे कहा कि जब राहुल गांधी और विपक्ष के नेता मणिपुर गए तो प्रधानमंत्री वहां की स्थिति को समझने के लिए अब तक वहां क्यों नहीं गए? अन्याय कहीं भी हो सकता है. अगर मणिपुर जल रहा है तो इसका मतलब है कि भारत जल रहा है. यदि मणिपुर विभाजित होता है तो भारत का भी विभाजन है. देश के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री को सदन में आकर जवाब देना चाहिए. भावनाएं व्यक्त करनी चाहिए. यही हमारी अपेक्षा थी. लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा कुछ नहीं हुआ.
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