दिल्ली: मानसून सत्र का दूसरा दिन भी हंगामे के भेंट चढ़ गया है. मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के हंगामा जारी रखने के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी. आज सुबह कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया जिसकी वजह से राज्यसभा और लोकसभा को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. मणिपुर मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है.
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मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी ने मणिपुर के बारे में सदन के बाहर बयान दिया जबकि उन्हें सदन के अंदर पहले बयान देना था फिर बाहर दे सकते थे लेकिन उन्होंने पहले ही बाहर बयान दे दिया. जब सदन चल रहा है तो सभी नेता अपने सदस्यों को पहले बयान दे फिर बाहर दे क्योंकि ये हमारी ड्यूटी होती है. पीएम मोदी ने इस पर अपनी विफलता दिखाई. मणिपुर के सीएम को बर्खास्त जरूर करना चाहिए.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले को लेकर कहा कि मणिपुर की घटना की चर्चा देश और दुनिया के हर कोने में हो रहा है इसलिए हमने पीएम मोदी और सत्तारूढ़ पार्टी से सदन में इस घटना पर चर्चा करने का अनुरोध किया था लेकिन हमें ये देखने को मिलता है कि सदन की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने इस घटना पर सदन के बाहर बयान दिया. ये सदन के अंदर बोलते तो हैं कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन हम सदन के अंदर क्या बोलना चाहते हैं वे हमें ये मौका नहीं देते हैं
राजनाथ सिंह ने कहा- हम चर्चा के लिए तैयार हैं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले को लेकर कहा कि मुझे लगता है कि चर्चा के प्रति विपक्ष गंभीर नहीं है क्योंकि सरकार तो चाहती है कि मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए. PM मोदी ने भी कहा है कि जिस प्रकार की घटना हुई है उससे पूरा राष्ट्र शर्मसार हुआ है और उन्होंने मामले में कठोर कार्रवाई करने के लिए भी कहा है.
शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस मामले को लेकर कहा कि मणिपुर की हिंसा पर यूरोप के संसद में चर्चा हुई, अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चर्चा हुई, UN में सवाल खड़े होते हैं लेकिन हमारे सदन में चर्चा नहीं हो रही है. प्रधानमंत्री 80 दिन बाद जवाब दे रहे हैं उससे क्या होता है. 2 महिलाओं को नंगा कर घूमाया जाता है, आप समान नागरिक कानून की बात करते हैं उससे पहले मणिपुर की कानून व्यवस्था की बात करें.
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