केंद्र की मोदी सरकार ने अब दिल्ली में मौजूद नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर पीएम मेमोरियल कर दिया गया है. यह जानकारी सामने आने के कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने कहा कि यह मोदी सरकार की बदले की भावना और संकीर्ण मानसिकता का नतीजा है.
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जयराम रमेश ने साधा निशाना
नई दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदल दिया गया है. अब इसे प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय के नाम से जाना जाएगा. नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संकीर्ण मानसिकता और बदले की भावना का दूसरा नाम मोदी है.
जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं- खड़गे
मामला सामने आने के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक ट्वीट कर लिखा “जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता. इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है. मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती!”
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का निर्णय लिया गया है. विशेष बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जो सोसायटी के उपाध्यक्ष हैं. 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार रखा था. एनएमएमएल की कार्यकारी परिषद ने 25 नवंबर 2016 को अपनी 162वीं बैठक में इसे मंजूरी दे दी थी. अब यह परियोजना पूरी हो चुकी है और प्रधानमंत्री संग्रहालय को 21 अप्रैल 2022 को जनता के लिए खोल दिया गया था.
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