दिल्ली: मणिपुर मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने और लंबी बहस करने के लिए विपक्ष नई रणनीति लेकर आया है. विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने एक लाइन के अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. इसके अलावा बीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव ने भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया है.
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जानकारी के मुताबिक, विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्पीकर को सौंप दिया है. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने स्पीकर को एक लाइन का अविश्वास प्रस्ताव नोटिस सौंपा है, कांग्रेस का आरोप है कि सरकार से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है.
गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र का आज पांचवां दिन है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम अविश्वास ला रहे हैं. लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने कहा कि हम पीएम मोदी का अहंकार तोड़ना चाहते थे. वे संसद में आकर मणिपुर पर बयान नहीं देते. हमें लगता है कि इस आखिरी हथियार का इस्तेमाल करना हमारा कर्तव्य है.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा महासचिव के कार्यालय में जाकर अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप भी जारी कर दी है.
विपक्ष को पता है कि सरकार सदन में आसानी से अपना बहुमत साबित कर देगी लेकिन अगर अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार हो गया तो प्रधानमंत्री को बयान देना होगा, इससे सभी दलों को चर्चा का मौका मिलेगा. सदन में सरकार को घेरने की नई रणनीति के तहत विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है. आंकड़ों की बात करें तो लोकसभा में फिलहाल एनडीए के 335 सांसद हैं. मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 को आया था. तब सरकार को 325 और विपक्ष को 126 वोट मिले थे.
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