नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन INDIA मणिपुर हिंसा मामले को लेकर सड़क से संसद तक मोदी सरकार के घेरने की रणनीति बना रही है. इस बीच गठबंधन के 20 सांसद मणिपुर के जमीनी स्थिति का आकलन करने और वहां के लोगों से मिलने के लिए मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं. इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल आप सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है और PM संसद में नहीं आ रहे हैं. इसलिए हमने जमीनी हालात देखने के लिए मणिपुर का दौरा करने का फैसला किया है.
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विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसद मणिपुर का दौरा करने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना हो गए हैं. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस मौके पर कहा कि हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द को समझने के लिए जा रहे हैं. हम सरकार से मणिपुर में उभरी संवेदनशील स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं. सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है. हम मणिपुर में जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं.
विपक्षी सांसदों की दो दिवसीय मणिपुर यात्रा को लेकर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि आने वाले सप्ताह में हम मणिपुर के लोगों की चिंताओं को संसद के सामने रखना चाहते हैं. जो लोग एक भारत की बात करते थे उन्होंने मणिपुर में दो पक्ष बना दिए हैं. वहीं इस यात्रा को लेकर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि मणिपुर और यहां के लोगों का दर्द समझना प्रधानमंत्री मोदी की जिम्मेदारी है. वे अलग-अलग राज्यों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. हम मणिपुर जाएंगे और लोगों की समस्याएं समझेंगे. हमें उम्मीद है कि सरकार इसे सकारात्मक तरीके से लेगी और हम मदद करने जा रहे हैं, ना कि उनकी समस्याएं बढ़ाने के लिए. बीजेपी ने मुद्दे को भटकाने की कोशिश की और वे संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं.
जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए विपक्षी सांसदों की दो दिवसीय मणिपुर यात्रा पर जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि हम मणिपुर के लोगों से मिलेंगे. राज्य कई महीनों से जल रहा है और वहां शांति बहाल करने की जरूरत है. प्रधानमंत्री मणिपुर को छोड़कर सभी मुद्दों पर बोल रहे हैं. प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हम मणिपुर के लोगों को सुनने और उनकी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे हैं. हम सभी समुदाय के लोगों को सुनने की कोशिश करेंगे. यह हमारा एकमात्र उद्देश्य है.
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