दिल्ली: अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दैरान विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया था. जिसकी वजह से मतदान से पहले ही लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था. विपक्ष ने वॉकआउट की जिसकी वजह से सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर के मुताबिक विपक्ष ने 1 घंटे 45 मिनट तक बहुत अपमान और दुर्व्यवहार सुना है. मुझे लगता है कि विपक्ष ने कई अन्य लोगों की तुलना में अधिक धैर्य दिखाया होगा.
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वहीं इस मामले को लेकर एनसीपी सांसद सुप्रीया सुले ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि वह (पीएम मोदी) अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, मणिपुर की महिलाओं पर क्रूरता के मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन डेढ़ घंटे में उनका 90% भाषण I.N.D.I.A पर था.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के मुताबिक यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में डबल इंजन सरकार की विफलता की जिम्मेदारी नहीं ली. मणिपुर के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में इतनी महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, राज्य का बंटवारा हुआ, 60,000 लोग बेघर हो गये, आम लोगों के हाथ में एके-47 है. इतना असुरक्षित माहौल बनाने के बावजूद वह अपने मुख्यमंत्री को बर्खास्त नहीं कर रहे हैं. उन्होंने यह नहीं बताया कि वे मणिपुर कब जायेंगे. आज भी उनके पास कोई स्थाई समाधान नहीं है, उनके पास कोई रोडमैप नहीं है कि मणिपुर में शांति कब लौटेगी. पूरा मणिपुर राज्य प्रधानमंत्री के शब्दों से असंतुष्ट और दुखी है. इसलिए I.N.D.I.A. गठबंधन बाहर चला गया.
AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि BRS और हमारी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव दिया था जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया. प्रधानमंत्री मोदी का आज का भाषण उनके पिछले 9 साल में दिए गए सभी भाषणों में से बोरिंग था. हमने सोचा था कि वह उन लोगों की निंदा करेंगे जो मणिपुर में हिंसा कर रहे हैं, हमने सोचा कि वह हरियाणा सरकार के विध्वंस अभियान की निंदा करेंगे. लेकिन वहां कुछ नहीं हो रहा है. ऐसा लगा वहां मुगल-ए-आजम चल रही है.
पीएम मोदी के संबोधन के दैरान विपक्षी सांसदों के वॉकआउट के मामले को लेकर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के पीछे का कारण मणिपुर था जहां कई महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, बच्चों की हत्या हुई और कई अन्य घटनाएं हुईं लेकिन पीएम ने मणिपुर के बारे में कुछ नहीं कहा और मणिपुर के लोगों के साथ खड़े नहीं हुए और इसीलिए विपक्ष ने वाकआउट किया.
जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी बोल रहे थे वह उनकी हताशा और घबराहट का प्रतीक था. वह नये गठबंधन से अपनी घबराहट जाहिर कर रहे थे. उन्होंने भारत के उस प्रमुख मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा जो मणिपुर 3 मई से जल रहा है. हम 1 घंटे 45 मिनट तक सुनते रहे लेकिन उन्होंने इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा. वह नए गठबंधन के बारे में बात करते रहे.
गौरतलब है कि कल लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आखिरी दिन था. पीएम मोदी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए जमकर वार किया था. लेकिन उनका संबोधन बीच में छोड़कर विपक्ष सदन से बाहर निकल गया था.
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