संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है, सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होते ही एक बार फिर से विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे को लेकर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने गैर भाजपा शासित राज्य बंगाल और राजस्थान में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से आज की कार्यवाही भी हंगामे के भेंट चढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
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बीजेपी सांसदों ने गहलोत सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
बीजेपी राजस्थान के सांसदों ने वरिष्ठ नेताओं के साथ गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार और अपराध के मुद्दे पर है. इस मौके पर भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि हमारा कहना है कि इस समय महिलाओं के साथ अगर कहीं सबसे ज्यादा अत्याचार हुए हैं तो वो राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड में हुए हैं मगर विपक्ष को केवल मणिपुर दिखाई देता है. हमारा कहना है कि मणिपुर में जो भी हुआ वो बेहद दुखद है मगर राजस्थान और अन्य राज्यों में जो भी हुआ वो भी दुखद है. राजस्थान सरकार राज्य में महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रही है.
मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों सदनों में बयान देने की मांग को लेकर विपक्षी गठबंधन पार्टियों (I.N.D.I.A) ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया, इस मौके पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद के दोनों सदनों में एक व्यापक वक्तव्य देना चाहिए. उन्हें लोकसभा और राज्यसभा में प्रासंगिक स्थगन नियमों के तहत चर्चा का पालन करना चाहिए. हमारे प्रदर्शन की यही मांग है.
मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष का बेहद आक्रामक रुख देखने को मिल रहा है. संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने आज मणिपुर घटना को लेकर धरना दिया. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और प्रधानमंत्री से इस घटना पर संसद में बयान देने की मांग की. राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से मणिपुर में हिंसा भड़क रही है, महिलाओं की हत्याएं हो रही हैं, क्या उसके लिए हम सदन में आवाज नहीं उठा सकते? सरकार से सवाल नहीं पूछ सकते? इस पर हम सदन में चर्चा करना चाहते हैं और यह पूरी चर्चा हमारे प्रधानमंत्री मोदी सुनें, बाद में वे जवाब दें.
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