दिल्ली: शुरू से ही अटकलें थीं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनाया जाएगा, लेकिन अब इस पर उन्हें बड़ा झटका लग सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार की जगह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संयोजक बनाया जा सकता है. इसके अलावा अन्य प्रमुख दलों के 11 नेताओं को सह-संयोजक की जिम्मेदारी मिल सकती है. 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली बैठक में इसका ऐलान हो सकता है. इतना ही नहीं इस दौरान इंडिया अलायंस के लोगो का अनावरण और दिल्ली में मुख्यालय की घोषणा भी हो सकती है.
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नीतीश कुमार ने खुद अपना नाम वापस लिया
जेडीयू सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ने खुद संयोजक बनने से इनकार कर दिया है. उन्होंने ही कांग्रेस से कहा कि वह अपने किसी नेता को संयोजक नियुक्त करें. इसके बाद से ही खड़गे को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. हालांकि चर्चा है कि नीतीश कुमार के नाम पर सहमति बनना मुश्किल था और खुद लालू यादव के बयान के बाद सस्पेंस और गहरा गया था. ऐसे में किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए नीतीश कुमार ने खुद ही अपना नाम वापस ले लिया है और कांग्रेस को आगे कर दिया है. नीतीश कुमार इससे पहले ही कह चुके हैं कि सिर्फ विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम कर रहे हैं, उनका संयोजक बनने का कोई इरादा नहीं है.
सीटों के बंटवारे जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी
इससे पहले पटना में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि मुंबई में अगली बैठक के दौरान हम अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए ‘इंडिया’ की रणनीति पर चर्चा करेंगे. सीटों के बंटवारे जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और कई अन्य एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को एकजुट करना चाहते हैं. मैं इसी दिशा में काम कर रहा हूं.
एनसीपी-शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप करेगी मेजबानी
शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक की मेजबानी करेंगी. दोनों पार्टियां महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा हैं. इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर 23 जून को विपक्षी दलों की पहली बैठक पटना में हुई थी. इस बैठक में अगले चुनाव में पीएम मोदी को सत्ता से हटाने के लिए एकजुट होकर चुनाव लड़ने की रणनीति पर सहमति बनी थी.
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