दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी उपनाम मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि और दो साल की सजा पर रोक लगा दी है. सूरत की निचली अदालत ने मोदी उपनाम मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता चली गई थी. निचली कोर्ट के इस फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी लेकिन वहां से भी उनको राहत नहीं मिली थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं.
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जल्द बहाल हो सकती है सदस्यता
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब राहुल गांधी के लिए संसद के दरवाजे खुल गए हैं. अगर राहुल की संसदीय सदस्यता छीनने के बाद वायनाड सीट पर उपचुनाव हुआ होता तो उनकी सदस्यता बहाल नहीं होती. लेकिन अभी तक वायनाड सीट पर उपचुनाव का ऐलान नहीं हुआ था. इसलिए उनका रास्ता साफ हो गया है और कांग्रेस नेता लोकसभा के अध्यक्ष से मुलाकात करने की तैयारी भी कर रहे हैं.
2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं राहुल गांधी
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही राहुल गांधी के 2024 के चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर मंडरा रहे खतरे के बादल भी छंट गए हैं. वह अब 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा और दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई होती तो वह 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाते.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं. इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ. ‘मोदी’ उपनाम टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है.
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