गुजरात हाईकोर्ट ने बीते दिनों राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में राहत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने राहुल गांधी के साथ एकजुटता दिखाने के लिए देशव्यापी मौन सत्याग्रह शुरू किया है. कर्नाटक में पार्टी के नेताओं ने मौन सत्याग्रह किया जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी मौजूद रहे.
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इसके अलावा असम, बिहार, गुजरात सहित देश के कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मौन विरोध प्रदर्शन किया. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी प्रदर्शन किया गया इसमें राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही साथ अन्य कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.
राजस्थान में भी कांग्रेसी नेताओं ने मौन सत्याग्रह किया. इस मौके पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बात आज एक व्यक्ति विशेष की नहीं है बल्कि बात पूरे व्यवस्था को जिस प्रकार से दूषित किया जा रहा है और लोकतंत्र के अंदर न्याय होना चाहिए और खुलेपन से बात करनी की आजादी होनी चाहिए, अलग-अलग एजेंसी का दुरुपयोग किया जा रहा है, संस्था को कमजोर किया जा रहा है ये हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है इसी को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने देश को जागरूक करने के लिए आज एक दिन का मौन रखा है.
गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
गौरतलब है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी के खिलाफ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा था, राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे या संसद सदस्य (सांसद) के रूप में अपनी स्थिति के निलंबन को रद्द करने की मांग नहीं कर पाएंगे. वह हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं. गुजरात हाई कोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है, उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है, इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है. कोर्ट ने आगे कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं.
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