दिल्ली: आरबीआई ने 2 हजार रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐलान कर दिया है. आरबीआई के इस फैसले के बाद विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया कि RBI से हम पूछना चाहेंगे कि आपने 2000 का नोट बंद क्यों किया? कारण क्या है? आप अपने ही फैसले को 7 साल बाद बदल दे रहे हैं. नोट छापने में 1600-1700 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. ये देश के करदाताओं का पैसा है.
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कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस फैसले को लेकर कहा कि जब नोटबंदी हुई तब कहा गया था कि काला धन समाप्त होगा, विदेश से धन वापस आएगा लेकिन यह हुआ नहीं. अब अचानक सूचना आई की 2,000 रुपए के नोट बंद हो रहे हैं लेकिन इसका आधार क्या? जब इसे लाया गया तो इसका लक्ष्य क्या था और जब बंद किए जा रहे हैं तब इसका लक्ष्य क्या है? क्योंकि लोगों को बेवजह तकलीफ देना सही नहीं है. सरकार ने बिना सोचे समझे जो कदम पहले उठाए थे उसी के रास्ते पर वे अब भी चल रही है.
TMC के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी के मुताबिक अब 2024 में वोटबंदी होने वाला है. 2016 में मोदी जी ने 50 दिन का समय मांगा था, आज 7 साल हो गए हैं, क्या कालाधन खत्म हुआ? अब RBI 2000 रुपए बंद कर रहा है… उन्होंने इस बार खुद नहीं बोला बल्कि RBI से बुलवाया. बंदूक RBI के कंधे से चलेगी, प्रधानमंत्री के कंधे से नहीं, नोटबंदी करने से कुछ नहीं होगा. जो कर्नाटक में हुआ वह 2024 में फिर होगा. आप 10 साल से लोगों को गुमराह कर रहे हैं. रास्ते में 140 लोग मर गए उसका ज़िम्मेदार कौन है?
2000 रुपए के नोट पर RBI के फैसले को लेकर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि PM ने जब पहली बार नोटबंदी की थी तब उन्होंने कहा था कि इससे भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कालाधन, महंगाई कम होगी. इसमें से कुछ भी नहीं हुआ. लोगो का रोजगार गया, भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद बढ़ गया. PM ने ये भी कहा था कि अगर मेरा ये फैसला गलत हुआ तो आप मुझे फांसी पर लटका देना. अब दूसरी बार नोटबंदी कर रहे हैं. देश की अर्थव्यवस्था के साथ इतना घिनौना खिलवाड़ इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा.
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