दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिशों के बाद शुक्रवार को पटना में शुरू होने वाली विपक्षी एकता की बैठक से पहले एक बार फिर टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. जहां बैठक से पहले जदयु के केसी त्यागी ने सभी दलों से साहस दिखाने और बलिदान देने के लिए तैयार रहने की अपील की है. वहीं विपक्षी ताकतों में अहम चेहरा ममता बनर्जी ने बैठक से एक दिन पहले अपने ताजा बयान से विपक्षी ताकतों की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुझाव पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पटना में विपक्षी एकता की बैठक कर रहे हैं. अब बैठक से पहले खुद ममता बनर्जी ने कुछ ऐसा कहा है, जिसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष की एकता कैसे कायम रहेगी. ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे के साथ गठबंधन के कारण हम राज्य में कांग्रेस का समर्थन नहीं कर सकते हैं.
कांग्रेस ने किया पलटवार
ममता बनर्जी के बयान के जवाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस बीजेपी की बराबर की प्रतिस्पर्धी होगी. उन्हें यह भी संदेह है कि भाजपा विपक्षी गठबंधन में कुछ ट्रोजन हॉर्स भेजने की तैयारी कर रही है. पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती और बिकास रंजन भट्टाचार्य जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी इस संदेह को दोहराया है.
क्या लालू कराएंगे ममता-कांग्रेस के बीच सुलह?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने से पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर सकती हैं. सूत्रों का कहना है कि ममता एक दिन पहले इसलिए आ रही हैं ताकि लालू यादव से शांति से बात कर सकें. माना जा रहा है कि ममता और कांग्रेस के बीच समझौता कराने में लालू यादव अहम भूमिका निभा सकते हैं.
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