कल जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में आरपीएफ जवान चेतन सिंह ने गोली चलाकर अपने सीनियर एएसआई टीका राम की हत्या कर दी थी. इसके अलावा ट्रेन में सफर कर रहे अन्य यात्रियों की भी गोली लगने से मौत हो गई थी. मामले की जांच कर रही रेलवे पुलिस ने बताया कि आरोपी तबादले के कारण तनाव में था और उसका दिमाग स्थिर नहीं था. वह अब तक गुजरात में तैनात थे लेकिन मुंबई भेजे जाने से नाराज था. इसके अलावा पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपी आरपीएफ जवान की एएसआई टीका राम से बहस हुई थी जिसके बाद उसने गोली चला दी.
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लेकिन घटना का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें आरोपी RPF जवान मुस्लिमों को लेकर कई तरह की विवादित टिप्पणी कर रहा है. इतना ही नहीं वीडियो में आगे पीएम मोदी और योगी के नाम से धमकी भी दे रहा है. वीडियो सामने आने के बाद रेलवे पुलिस का आरोपी को लेकर किया जा रहा दावा खोखला साबित होता है. अब इस मामले को लेकर AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन औवेसी ने दावा किया है कि यह टार्गेट किलिंग है. आरोपी को मानसिक रूप से अस्थिर बताना गलत है.
असदुद्दीन औवेसी ने आरोपी का एक फोटो साझा करते हुए ट्वीट कर लिखा “कहा जा रहा है कि जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस के आतंकवादी जिसने 4 मासूमों की हत्या की, वो मानसिक रूप से बीमार था. अगर ये कहना कि “हिंदुस्तान में रहना है तो मोदी, योगी या ठाकरे को वोट दो” मानसिक बीमारी की निशानी है तो ना जाने वतन-ए-अज़ीज़ के कितने लोग मरीज़ हैं. अगर वो मानसिक रूप से बीमार था तो उसे ड्यूटी पर क्यों रखा गया? हत्या तो दूर, अगर कोई जेब-कतरा भी पकड़े जाने पर मेरा नाम ले लेता तो अब तक मुझे सूली पर चढ़ा दिया जाता.
चेतन सिंह ने 12 राउंड फायरिंग की
प्रारंभिक जांच के बाद जीआरपी ने बताया कि जवान चेतन सिंह ने अपने स्वचालित हथियार से 12 राउंड फायरिंग की थी. इस मामले को लेकर पश्चिमी रेलवे ने एक बयान जारी कर कहा कि जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस के अंदर कल हुई गोलीबारी की घटना की व्यापक जांच के लिए एडीजी/आरपीएफ (एचएजी) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मरने वाले यात्रियों के लिए 10 लाख की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है. ASI टीकाराम के परिवार को सेवा नियमों के अनुसार देय राशि मिलेगी.
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