लोकसभा चुनाव से पहले कुछ विपक्षी दल से जुड़े लोग मोदी को टक्कर देने के लिए एकजुट हो रहे हैं. कुछ दिन पहले बिहार में एक बैठक भी हुई थी जिसमें आम आदमी पार्टी ने भी हिस्सा लिया था. लेकिन अब आप ने भाजपा का साथ दिया है जिसकी वजह से विपक्ष को बड़ा झटका लग सकता है. आप ने समान नागरिक संहिता पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है और इसका समर्थन किया है. लेकिन पार्टी का कहना है कि समान नागरिक संहिता सभी की सहमति से लागू की जानी चाहिए और इस मुद्दे पर सभी दलों से चर्चा की जानी चाहिए.
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आम आदमी पार्टी नेता संदीप पाठक ने कहा कि हम सैद्धांतिक रूप से समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं, क्योंकि अनुच्छेद 44 भी कहता है कि देश में एक समान नागरिक संहिता होनी चाहिए. इसके लिए सभी धर्मों, राजनीतिक दलों और संगठनों से व्यापक विचार-विमर्श कर आम सहमति बनायी जानी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दिया था. जिसके बाद विपक्षी दल ने पीएम मोदी पर चुनाव से पहले हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा उठाने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं पीएम मोदी के बयान के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बैठक बुलाई थी.
विपक्ष का आरोप है कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाया जा रहा है. प्रधानमंत्री के बयान के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा हमला बोला है. वहीं डीएमके ने समान नागरिक संहिता पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसे हिंदू धर्म में लागू किया जाना चाहिए ताकि एससी/एसटी को मंदिरों में प्रवेश मिल सके. समान नागरिक संहिता पर पीएम मोदी के बयान के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कड़ा विरोध करने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि अमेरिकी दौरे से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ अभियान के तहत मंगलवार को मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान में समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है. ऐसे में दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा?
PM मोदी के बयान पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुलाई आपात बैठक, UCC को लेकर विपक्ष ने भी साधा निशाना
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