मुंबई: अजित पवार की बगावत के बाद महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है. भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार की राजनीतिक पार्टी एनसीपी पर अपना दावा ठोक दिया है. इस बीच, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल और महंगाई को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. सामना ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें सस्ती लगने लगी हैं, क्योंकि टमाटर महंगे हो गए हैं. अब पेट्रोल सस्ता लगता है क्योंकि टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं.
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टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं
सामना में लिखा गया है कि मोदी सरकार 2014 में यह दावा करके सत्ता में आई थी कि यूपीए सरकार में महंगाई आसमान को पहुंच गई है. लेकिन पिछले 9 साल से केंद्र में उनकी सत्ता है अब महंगाई के बारे में उनका क्या कहना? क्या महंगाई बिल में छुपकर बैठ गई है? हकीकत तो यह है कि मोदी राज में न तो दरों में बढ़ोतरी रुकी है और न ही महंगाई पर काबू पाया जा सका है. टमाटर की कीमत 120 रुपये से 150 रुपये प्रति किलो हो गई है.
मोदी राज में भी हालात नहीं बदले हैं
समाना में महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर कई सवाल उठाए गए हैं. पूछा गया कि जब वैश्विक कीमतें घटती हैं तो उस अनुपात में पेट्रोल-डीजल सस्ता क्यों नहीं होता है? अगर आप महंगाई के जिम्मेदार किसी और को ठहराते रहेंगे तो इससे जनता को क्या फायदा होगा? अब टमाटर के दाम 150 के पार हो गए हैं और आप मानसून को दोष दे रहे हैं. प्याज के साथ भी ऐसा सालों से होता आ रहा है. मोदी राज में क्या बदला? 9 साल में लिए गए फैसलों की हर जगह तारीफ हो रही है लेकिन महंगाई का क्या?
‘सरकार जोड़-तोड़ की राजनीति में जुटी’
सामना में केंद्र की मोदी सरकार पर महाराष्ट्र की राजनीति में अराजकता से लेकर मणिपुर हिंसा और महंगाई तक पर हमला बोला गया है. संपादकीय में कहा गया है कि सब्जियों की कीमतें ‘ट्रिपल सेंचुरी’ को छू रही हैं. टमाटर के दाम बढ़ गए हैं. जनता गुस्से से लाल है. मणिपुर जल रहा है लेकिन मोदी सरकार हमेशा की तरह शांत और उदासीन है. वह अपने 9 साल के कार्यकाल का जश्न मना रही है, जोड़-तोड़ की राजनीति में व्यस्त है. लेकिन क्या यह सरकार महंगाई की आग और उसमें जल रही जनता की दुर्दशा को जानती है?
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