तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करने पर एक बार फिर से सवाल खड़ा करते हुए सनातन धर्म पर निशाना साधा है. उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू को इसलिए आमंत्रित नहीं किया गया क्योंकि वह विधवा हैं और आदिवासी समुदाय से आती हैं.
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उदयनिधि स्टालिन ने फिर कसा तंज
उदयनिधि स्टालिन ने एक बार फिर व्यंग्य करते हुए पूछा कि क्या इसे ही हम सनातन धर्म कहते हैं? स्टालिन ने मदुरै में एक कार्यक्रम में कहा, हम इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे. उदयनिधि ने इस बात पर जोर दिया कि करीब 800 करोड़ की लागत से तैयार नये संसद भवन का प्रोजेक्ट ऐतिहासिक है. लेकिन भारत के प्रथम नागरिक होने के बावजूद राष्ट्रपति मुर्मू को आमंत्रित नहीं किया गया था, क्योंकि वह आदिवासी समुदाय से आती हैं और विधवा होने के कारण उन्हें इस कार्यक्रम से दूर रखने का निर्णय लिया गया था.
उदयनिधि ने पूछा बड़ा सवाल?
उदयनिधि ने कहा कि नये संसद भवन का उद्घाटन किया गया था. उस वक्त अधीनम को तमिलनाडु से आमंत्रित किया गया था, लेकिन भारत के राष्ट्रपति को नहीं क्योंकि वह एक विधवा हैं और आदिवासी समुदाय से हैं, क्या यह सनातन धर्म है? मुर्मू को न तो नए संसद भवन के उद्घाटन में आमंत्रित किया गया और न ही इन दिनों चलने वाली विशेष सत्र के लिए निमंत्रण भेजा गया.
बॉलीवुड अभिनेत्रियों को बुलाया गया लेकिन…
साथ ही, उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि जब महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश किया गया था, तो बॉलीवुड अभिनेत्रियों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन राष्ट्रपति को इससे दूर रखा गया, ये घटनाएं ऐसे निर्णयों पर सनातन धर्म के प्रभाव का संकेत देती हैं.
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