दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश कर रहा है. लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में एनसीपी में बगावत के बाद विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है. लेकिन इसी बीच कुछ नेताओं ने ऐसा बयान दिया है जिसके बाद चर्चा शुरू हो गई है कि क्या अन्य राज्यों में भी इसी तरीके का सियासी खेल हो सकता है. यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश के साथी ओम प्रकाश राजभर और बिहार से भाजपा सांसद सुशील मोदी ने बयान दिया है कि जल्द ही इन दोनों राज्यों में बड़ा सियासी खेला होने की संभावना है.
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सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी बड़ी हेरफेर होने वाली है. समाजवादी के कई विधायक और सांसद दल छोड़कर कुछ सरकार के विस्तार में शामिल होना चाहते हैं, कुछ हैं जो लोकसभा का टिकट चाहते हैं वे दिल्ली तक अपना जुगाड़ बिठा रहे हैं. वे अखिलेश यादव के रवैये से नाराज़ हैं. इसी लखनऊ में मुस्लिम चार खेमें में बट गए हैं, अब मुसलमान भाजपा को भी वोट दे रहे हैं, मायावती के भी साथ हैं. आप जब नौकरी बांटेगे तब मुस्लिम को नहीं देंगे. इस बात को लेकर हर वर्ग नाराज़ है. कांग्रेस भी चाह रही है कि मायावती को मोर्चे में लिया जाए.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील मोदी के मुताबिक बिहार में भी बगावत की स्थिति बन रही है क्योंकि नीतीश कुमार ने पिछले 17 सालों में कभी भी विधायकों और सांसदों को मिलने का समय नहीं दिया. लोगों को साल भर इंतजार करना पड़ता था. अब वो प्रत्येक विधायक और सांसद को 30 मिनट दे रहे हैं. जब से नीतीश कुमार ने राहुल गांधी को अगली लड़ाई के लिए नेता स्वीकार कर लिया और तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी बना दिया तभी से जनता दल में विद्रोह की स्थिति है.
भाजपा नेता सुशील मोदी के बगावत वाले बयान पर राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि हमने सुना है कि सब चर्चा कर रहे हैं कि बिहार के सांसदों को तोड़ो, सांसदों को निकालो. बिहार कहां हिलता-डुलता है, हम बिहार को हिलने नहीं देंगे. बिहार नहीं हिलेगा लेकिन बिहार से इनका सफाया होना तय है. हम सब एक हैं इसीलिए भाजपा के लोगों को घबराहट हो रही है.
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