नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड समेत देश के कई बीजेपी शासित राज्यों ने समान नागरिक संहिता को लागू करने की कोशिशें तेज कर दी हैं. इस बीच यूसीसी को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बड़ा बयान दिया है. धनखड़ ने कहा कि यूसीसी को लागू करने का सही समय आ गया है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बड़ा बयान दिया है.
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आईआईटी गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि यूसीसी को लागू करने का सही समय आ गया है, जिसकी कल्पना संविधान के निर्माताओं ने की थी. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि देश अपने नागरिकों के लिए यूसीसी सुरक्षित करने का प्रयास करेगा. यह संविधान निर्माताओं की सोच थी. अब यूसीसी लागू करने का समय आ गया है. इसमें रुकावट या ज्यादा देरी नहीं की जानी चाहिए.
उपराष्ट्रपति असम के एक दिवसीय दौरे पर हैं. वह मंगलवार को आईआईटी गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. असम दौरे पर पहुंचे उपराष्ट्रपति धनखड़ का एयरपोर्ट पर राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्वागत किया.
यूसीसी बिल पेश किया जा सकता है
मोदी सरकार मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता पर बिल पेश कर सकती है. यूसीसी को लेकर पीएम मोदी के हालिया बयान के बाद इसे लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. 27 जून को पीएम मोदी ने भोपाल में कहा था कि जब दो कानूनों से सदन नहीं चल सकता तो दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा? माना जा रहा है कि पीएम मोदी का यह बयान यूसीसी के पक्ष में माहौल तैयार करने की कोशिश है. लेकिन अगर मोदी सरकार इस बिल को सदन में बहस के लिए रखती है तो हंगामा होने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि कुछ राजनीतिक दल इसका समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ विपक्षी दल इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और इसे चुनावी एजेंडा बता रहे हैं.
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