दिल्ली: महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास होने के बाद अब यह बिल आज राज्यसभा में पेश किया गया है. बिल पर कल करीब 8 घंटों की लंबी चर्चा के बाद लोकसभा में पास हो गया था. बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि विरोध में 2 वोट पड़े थे. AIMIM पार्टी के दो सांसद असदुद्दीन औवेसी और इम्तियाज जलील ने इसके विरोध में वोट डाला थाक, लोकसभा में यह बिल दो-तिहाई बहुमत से पास हो गया है.
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हालांकि सरकार ने इस मुद्दे पर साफ किया कि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू किया जाएगा. बीजेपी की 14 महिला सांसद आज राज्यसभा में बहस में हिस्सा लेंगी, जबकि कांग्रेस की 4 महिला सांसद बिल पर अपनी राय रखेंगी. राज्यसभा में बिल पर चर्चा की शुरूआत बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे. वहीं कांग्रेस की ओर से रंजीत रंजन, रजनी पाटिल, फूल देवी नेताम और अमी याग्निक हिस्सा लेंगी.
लोकसभा में बिल पास होने पर मोदी की प्रतिक्रिया
महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित रहे. महिला आरक्षण बिल को लोकसभा द्वारा पास किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ यह एक ऐतिहासिक कानून है जो महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा देगा और हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की और भी अधिक भागीदारी को सक्षम करेगा.”
विपक्ष ने खड़ा किया सवाल
वहीं इस बिल के खिलाफ वोट डालने वाले AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अभी लोकसभा में OBC सिर्फ 22% है और मुस्लिम महिलाओं के लिए भी हमने संशोधन डाला था. सिर्फ 4% मुस्लिम महिलाएं हैं, उनका भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए.”
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित होने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम सभी को चिंता थी कि यह एक जुमला है क्योंकि परिसीमन और जनगणना के संदर्भ में कोई भी समय निर्धारित नहीं किया गया है, जिससे यह बहुत अस्पष्ट हो जाता है कि इसे वास्तव में कब लागू किया जाएगा.
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित होने पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि मैं सभी माताओं, बहन, बेटियों को बधाई देना चाहूंगी एक ऐतिहासिक बिल पास हुआ है लेकिन सरकार की तरफ से इस बिल को लाने में देरी हुई है. अब चूंकि चुनाव में 1 साल से भी कम समय बचा है तो उसे देखते हुए और INDIA गठबंधन की मजबूती देखते हुए सरकार यह बिल लेकर आई है.
समाजवादी पार्टी सांसद एस. टी. हसन ने कहा कि बिल पास हुआ है वह खुशी की बात है लेकिन एक तरह से महिलाओं के साथ धोका हुआ है. यह तुरंत लागू नहीं होगा. इसको लागू होने के लिए परिसीमन होगा. हमें लगता है कि इसको लागू होते-होते 10-15 साल और लगेंगे.
महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह बिल प्रतीकात्मक है लेकिन इसको प्रभाव में आने के लिए दो स्टेप से गुजरने होगा. पहले परिसीमन करना होगा और जनगणना करनी होगी जो 2011 के बाद से नहीं हुई है. जब तक यह दो चीजें नहीं होंगी तक तक यह बिल प्रतीकात्मक है. हम प्रतीकात्मक रूप से इसका समर्थन कर रहे हैं.
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