केरल: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत की अदालत द्वारा मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता छिन गई है. वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी लोकसभा सदस्यता छिनने के बाद पहली बार वायनाड पहुंचे और अपनी बहन और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ रोड शो किया. उसके बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए दोनों ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर वार किया.
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वायनाड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सांसद तो बस एक टैग है. यह एक पद है इसलिए भाजपा टैग हटा सकती है, वे पद ले सकते हैं, वे घर ले सकते हैं और वे मुझे जेल में भी डाल सकते हैं लेकिन वे मुझे वायनाड के लोगों का प्रतिनिधित्व करने से नहीं रोक सकते हैं. उन्हें लगता है कि वे मेरे घर पुलिस भेजकर मुझे डराएंगे लेकिन मैं वास्तव में खुश था कि उन्होंने मेरा घर ले लिया. आप मेरा घर 50 बार ले लो लेकिन मुझे कोई परवाह नहीं है. मैं तब भी देश और वायनाड के लोगों के मुद्दे उठाता रहूंगा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर अडानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि आप अडानी के साथ अपने संबंध के बारे में बताएं…मैंने पूछा कि आपका अडानी के साथ क्या संबंध हैं? लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसका जवाब नहीं दिया. बीजेपी के मंत्रियों ने संसद में मेरे बारे में झूठ बोला, मैं स्पीकर के पास भी गया लेकिन फिर भी मुझे बोलने नहीं दिया गया. बीजेपी ने मुझे संसद से अयोग्य घोषित कर दिया, मेरा घर ले लिया और मुझ पर 24 घंटे हमला कर रहे हैं…मैं जनता हूं मैं सही कर रहा हूं और जितना वो मुझ पर हमला करेंगे लेकिन मैं रुकूंगा नहीं. इस अयोग्यता से वायनाड के लोगों के साथ मेरा रिश्ता और गहरा होगा.
वहीं इस मौके पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि गुजरात की एक अदालत ने एक निर्णय पारित किया जिसके बाद सरकार ने उन्हें(राहुल गांधी) संसद से अयोग्य घोषित कर दिया. सवाल पूछना, जवाबदेही की मांग करना, मुद्दे उठाना सांसद का काम है. मुझे यह बात अजीब लगती है कि पूरी सरकार यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी भी इसे अनुचित मानते हैं और एक आदमी पर बेरहमी से हमला करते हैं क्योंकि उसने एक ऐसा सवाल पूछा है जिसका वे जवाब नहीं दे सकें. पूरी सरकार सिर्फ एक आदमी गौतम अडानी को बचाने के लिए हमारे लोकतंत्र को नीचे गिराने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री मोदी गौतम अडानी का बचाव करने के लिए जिम्मेदार महसूस करते हैं लेकिन उन्हें भारत के लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी महसूस नहीं होती है.
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