दिल्ली: राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया है. आज लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसकी जानकारी दी है. हालांकि कल कोर्ट ने दोषी ठहराने के बाद फौरन जमानत भी दे दी और सजा को तीस दिन के लिए लिए निलंबित भी कर दिया था. ताकि राहुल इसे ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें. लेकिन उससे पहले ही उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है. अब इस फैसले को लेकर कांग्रेस ने कहा कि राजनीतिक और कानूनी दोनों लड़ाई लड़ेंगे.
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कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना मोदी सरकार की प्रतिशोध की नीति का उदाहरण है. भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है और मोदी सरकार को यही हजम नहीं हो रहा है. उन्हें लग रहा है कि राहुल गांधी का मुंह बंद करना होगा क्योंकि अगर उन्हें बोलने दिया गया तो BJP सरकार से बाहर हो जाएगी.
वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि जब राहुल गांधी ने अडानी पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछे थे उसी समय से इन्होंने इस प्रकार साजिश राहुल गांधी की आवाज को दबाने के लिए शुरू कर दी थी. मोदी सरकार के मंत्रियों ने कई बार राहुल गांधी के खिलाफ गलत आरोप लगाए. लोकसाभ में राहुल गांधी को बोलने का और अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया. ये साफ-साफ भाजपा सरकार के लोकतंत्र विरोधी और तानाशाह वाले मनोभाव को दर्शाता है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के कई नेताओं की सदस्यता BJP ने ली है और आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी की सदस्यता गई है.. ये सब जानबूझकर असली मुद्दे जैसे- महंगाई, बेरोजगारी और अपने मित्र उद्योगपति पर बहस से ध्यान हटाने के लिए किया गया है.
राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म, मानहानि केस में हुई थी दो साल की सजा
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