नई दिल्ली: बिहार के शिक्षा मंत्री के विवादित बयान का एक वीडियो सामने आया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ‘रामचरितमानस’ को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ करार दिया है. उन्होंने पटना में नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया है. अब बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान पर राजनीति गरमा गई है. शिक्षा मंत्री के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है.
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रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा, मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स… यह ग्रंथ नफरत फैलाने वाले ग्रंथ हैं. नफरत देश को महान नहीं बनाएगा, देश को मोहब्बत महान बनाएगा. इसके अलावा शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आगे कहा कि मनुस्मृति को क्यों जलाया गया क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेको गालियां दी गई. रामचरितमानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ?
रामचरितमानस को लेकर दिए विवादित बयान के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री एक बार फिर मीडिया के सामने आए और कहा कि अमेरिक ने जिस शख्स को ज्ञान का प्रतीक कहा, भीमराव अंबेडकर, उन्होंने मनुस्मृति क्यों जलाई? हम उस राम के भक्त हैं जो शबरी के झूठे बेर खाते हैं उसके नहीं जो शंबूक का वध करे… मेरी जीभ काटने पर फतवा दिया है, हमारे पुरखे जीभ कटवाते रहे हैं इसलिए हम अपने उस बयान पर अब भी अडिग हैं.
भाजपा ने कहा- शिक्षा मंत्री का बयान निंदनीय है
इस बयान पर बीजेपी भड़की हुई है. भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा कि रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान निंदनीय है. सबसे हैरानी की बात यह है कि शिक्षा मंत्री नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे. इस बीच उन्होंने धार्मिक घृणा पर आधारित ऐसा मूर्खतापूर्ण विचार प्रस्तुत किया है. इसके अलावा कुछ भाजपा नेता सीएम नीतीश से मांग कर रहे हैं कि शिक्षा मंत्री का फौरन इस्तीफा लिया जाए.
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