इस्तांबुल: तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 4,300 को पार कर गई है. इसके साथ ही घायलों की संख्या 12 हजार से अधिक बताई जा रही है. तुर्की और सीरिया समेत 4 देशों में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे भारी तबाही हुई है. राहत और बचाव कार्य के दौरान शव मिल रहे हैं. अनुमान है कि मरने वालों की संख्या 20,000 तक जा सकती है.
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भूकंप के कारण 5,600 से अधिक इमारतें ढह गईं
सोमवार सुबह दक्षिणी तुर्की में सीरियाई सीमा के पास 7.8 तीव्रता का भूकंप आया जिसके बाद कई झटके महसूस किए गए, जिससे राहत और बचाव के प्रयास बाधित हो गया.
तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,300 हो गई. दोनों देशों में बचाव दल हजारों इमारतों के मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रहे हैं. इस बीच तुर्की में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार 3 भूकंप के झटके महसूस किए गए.
मदद के लिए भारत आया आगे
पीएमओ से मिली जानकारी के अनुसार आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ मेडिकल टीमें भी तैयार की जा रही हैं. राहत सामग्री तुर्की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास व इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के समन्वय से भेजी जाएंगी. राहत सामग्री के साथ NDRF और मेडिकल टीमों के खोज और बचाव दलों को तुरंत तुर्की सरकार के समन्वय में भेजा जाएगा. विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली NDRF की 2 टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं.
प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ NDRF की टीम गाज़ियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे से तुर्की के भूकंप प्रभावित क्षेत्र में खोज कार्यों के लिए रवाना हुई. इस मौके पर एनडीआरएफ के डीआईजी ऑपरेशन और प्रशिक्षण मोहसेन शाहेदी ने कहा कि तुर्की और सीरिया में भयानक भूकंप आने से कई लोगों की मृत्यु हुई है. इसको देखते हुए भारत सरकार ने NDRF की 2 टीमें वहां भेजने का निर्णय लिया है.
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