वडोदरा: गुजरात के इतिहास में पहली बार वडोदरा नगर निगम ने पेट डॉग टैक्स वसूलेगा. कुत्ता पालने वालों को 5 फीसदी टैक्स देना होगा. लगभग 30 हजार पालतू कुत्तों से वडोदरा निगम को लगभग 1 करोड़ कर राजस्व प्राप्त हो सकता है. शहर के विभिन्न क्लबों में 25 हजार कुत्तों का रजिस्ट्रेशन है.
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म्युनिसिपल कमिश्नर ने बजट में डॉग टैक्स लगाने का सुझाव दिया है, जिसका नाम वडोदरा म्युनिसिपल बजट पेपर्स में तीन दशक से ज्यादा समय से है. शहर में कितने पालतू कुत्ते हैं, इसका आधिकारिक आंकड़ा नगर निगम के पास नहीं है, लेकिन डॉग टैक्स के तहत वडोदरा के निवासियों से प्रति वर्ष एक करोड़ रुपये की राशि वसूलने की तैयारी शुरू हो गई है. संभावना है कि सर्वेक्षण करने से पहले नागरिकों से पालतू जानवरों के पंजीकरण के लिए कहा जाएगा.
वडोदरा के यूनाइटेड केनेल क्लब और केसीआई क्लब में करीब 25 हजार कुत्तों का रजिस्ट्रेशन है. क्लब से जुड़े लोगों के मुताबिक, इसके अलावा 25 हजार अन्य मिक्स्ड ब्रीड के कुत्ते भी हैं.
वडोदरा नगर निगम को 1 करोड़ की आय हो सकती है
राजस्व विभाग के सहायक नगर आयुक्त सुरेश तुवर ने कहा कि वर्तमान में प्रारंभिक अनुमान के अनुसार शहर के 6.5 लाख घरों में से 5 प्रतिशत लोग कुत्ते रखते हैं. इस हिसाब से वडोदरा में 30 हजार कुत्ते हो सकते हैं. एक हजार रुपए के हिसाब से पहले साल में एक करोड़ कमा सकते हैं. नगर निगम को प्रत्येक पालतू कुत्ते की पहचान के लिए माइक्रोचिप लगानी होगी. अभी निजी क्लब माइक्रोचिप फिटिंग के लिए 450 से 500 रुपए चार्ज करते हैं.
वडोदरा में हर दिन 25 से ज्यादा लोगों को आवारा कुत्ते घायल कर देते हैं. इतना ही नहीं नसबंदी पर करोड़ों खर्च किए गए हैं बावजूद इसके कुत्तों की संख्या में कमी नहीं आई है. लेकिन अब इन सब से हटकर वडोदरा नगर निगम डॉग टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही है. जबकि अहमदाबाद, सूरत और राजकोट नगर निगम डॉग टैक्स नहीं वसूल रही है.
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