देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूस्खलन से लोगों को बचाया जा रहा है. गढ़वाल के अन्य जिलों में भी जमीन धंसने और इमारतों में दरारें आने की तस्वीरों ने राज्य के लोगों को डरा दिया है. एक तरफ जोशीमठ की हालत दयनीय है, वहीं दूसरी तरफ गढ़वाल में 25-30 गांव ऐसे हैं जहां भूस्खलन हो रहा है. इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों का जायज़ा लिया और लोगों से बातचीत की.
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जोशीमठ भूमि धंसाव को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम कोशिश करेंगे कि पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था दोनों का संतुलन बना रहे. तेज गति से हो रहे विकास को थोड़ा कम करेंगे. हम सभी शहरों के धारण क्षमता का आंकलन कराएंगे, अगर उनकी क्षमता से अधिक कहीं विकास हो गया है तो उसको तत्काल रोकेंगे.
इसके अलावा सीएम धामी ने कहा कि राहत और पुनर्वास ठीक तरह से हो ये हमारी प्राथमिकता है. हम चाहेंगे की सभी तक जल्द से जल्द अंतरिम राहत पहुंच जाए, उसके लिए काम कर रहे हैं. ऐसी बात सामने आ रही है कि सभी इमारतों को तोड़ा जा रहा है, ऐसा नहीं है. केवल 2 होटलों की बात सामने आई थी और उस पर भी सभी की सहमति के बाद ही प्रशासन काम करेगा. राहत, पुनर्वास और मुआवजे के लिए कमेटी बना दी गई है.
प्रभावित परिवार के लिए भेजी गई राहत सामग्री
इसके अलावा जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते प्रभावित परिवारों के लिए हरिद्वारा के लोगों ने राहत सामग्री भेजी. हरिद्वार के नायब तहसीलदार रमेश चंद नौटियाल के मुताबिक हमने विभिन्न व्यापारी से सामग्री एकत्रित कर 5 ट्रकों में करीब 2350 कंबल, 900 पैकेट राशन जिसमें 5-5 किलो आटा-चावल, 1 लीटर खाद्य तेल और अन्य सामग्री जोशीमठ भेज रहे हैं. मेडिकल सामान के लिए अलग वाहन तैयार किए जा रहे हैं.
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