नई दिल्ली: अमृतकाल के पहले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण किसानों पर मेहरबान रही हैं. किसानों के लिए की गई बड़ी घोषणाओं में 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कम्प्यूटरीकरण और कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करना शामिल है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2023 के भाषण में कहा कि सरकार 63 हजार पैक्स को डिजिटलाइज करने पर 2,516 करोड़ रुपए खर्च करेगी.
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5 साल में गांव में खुलेंगी सहकारी समितियां
निर्मला सीतारमण ने कहा कि पैक्स के लिए मॉडल बायलॉज बनाए गए हैं. एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार किया गया है, इतना ही नहीं सरकार भंडारण क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रही है. इससे किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार अगले 5 वर्षों में उन गांवों में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों, मत्स्य सहकारी समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करेगी जहां सहकारी समितियां नहीं हैं.
कृषि भूमि का डिजिटलीकरण किया जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 पेश करते हुए कहा कि अब सरकार जैविक खेती और प्राकृतिक खेती पर फोकस करने जा रही है. जो किसान पहले से ही जैविक-प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा. साथ ही नए किसानों को भी इस सिस्टम से जोड़ा जाएगा. अब कृषि में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब जमीन के रिकॉर्ड को भी डिजिटल किया जाएगा. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत भूमि संसाधन विभाग द्वारा 2022 में जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के 94 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जा चुका है.
नए बजट में मोदी सरकार ने फल और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को समर्थन देने की योजना बनाई है. सरकार बागवानी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्यों का समर्थन करेगी. इसके लिए 2,200 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी. अब किसानों को कृषि इनपुट भी ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा. खाद, बीज, दवाइयां, दस्तावेज आदि सेवाओं को भी डिजिटल सेवा के तहत लाने की घोषणा की गई है.
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