नई दिल्ली: भारत को इस साल हज के लिए करीब 1.75 लाख का कोटा दिया गया है. नई हज नीति के तहत, कुल कोटा का 90% भारतीय हज समिति को आवंटित किया जाएगा और शेष 10% निजी संचालकों को आवंटित किया जाएगा. हालांकि, सरकार ने अभी तक हज के लिए आवेदन नहीं खोला है. नई नीति के तहत महिलाओं, बच्चों, विकलांगों और बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी.
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अल्पसंख्यक मंत्रालय ने ट्वीट कर लिखा, ”नई ऐतिहासिक हज नीति से तीर्थयात्रियों को आर्थिक राहत मिलेगी. आवेदन फॉर्म अब पहली बार मुफ्त है. हज पैकेज की लागत में करीब 50,000 रुपये की कमी की गई है.
ये प्रस्थान बिंदु शामिल होंगे
सूत्रों ने कहा कि हज का प्रस्थान बिंदु अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, श्रीनगर, रांची, गया, औरंगाबाद, वाराणसी, जयपुर, नागपुर, कोच्चि, लखनऊ, कन्नूर, विजयवाड़ा, अगरतला है, इसके अलावा कालीकट को भी शामिल किया गया है. सूत्रों ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर प्रस्थान बिंदु भी बढ़ाए जा सकते हैं.
फॉर्म फ्री में मिलेगा
पहली बार आवेदन नि:शुल्क होगा. हज के लिए चुने जाने वाले लोगों को प्रक्रिया से संबंधित कुछ शुल्क देना होगा. पहले हज आवेदन की फीस 300 रुपये थी. एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया कि इस बार हज के लिए महिलाओं, बुजुर्गों और विकलांगों को प्राथमिकता दी जाएगी. इस साल भारत से 1.75 लाख लोग हज यात्रा पर जाएंगे
महिलाएं बिना महरम के हज कर सकती हैं
यदि 45 वर्ष से अधिक आयु की महिला बिना महरम (निकट पुरुष रिश्तेदार) के आवेदन करती है तो उसे हज के लिए जाने की अनुमति दी जाएगी. पहले महरम के बिना महिलाओं को समूह में जाने की अनुमति नहीं थी.
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