दिल्ली: भारत राष्ट्र समिति के नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी की ओर से जारी समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कविता ने मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के समन और संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ कविता की याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई करेगी.
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11 मार्च को नौ घंटे की हुई थी पूछताछ
उल्लेखनीय है कि शराब नीति घोटाला मामले में ईडी ने 11 मार्च को दिल्ली में उनसे करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी. इससे पहले भी ED ने उन्हें 9 मार्च को पेश होने के लिए समन भेजा था. हालांकि कविता ने 11 मार्च को ईडी के सामने पेश होने की मांग की थी. इससे पहले कविता ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था, और इसे ‘राजनीतिक उत्पीड़न’ बताया था और कहा था कि उनका दिल्ली शराब घोटाला मामले में चल रही जांच से कोई लेना-देना नहीं है.
याचिका में कविता ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कविता के वकील ने कहा कि नियमों के मुताबिक किसी भी महिला को ईडी के दफ्तर में पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जा सकता है और उसके घर पर ही पूछताछ की जानी चाहिए. वकील ने कहा कि ईडी शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार हैदराबाद के एक व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई और कविता को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती है. लेकिन जांच एजेंसी ने अब तक ऐसा कुछ नहीं किया है.
क्या है पूरा मामला?
एलजी ने दिल्ली सचिव की रिपोर्ट के आधार पर मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. रिपोर्ट पिछले साल 8 जुलाई को भेजी गई थी. जिसमें पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति पर सवाल उठाए थे. आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में लापरवाही के साथ-साथ नियमों की अवहेलना और नीति कार्यान्वयन में गंभीर चूक के आरोप हैं. आरोपों में निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितता और निविदा के बाद वरीय विक्रेताओं का पक्ष लेना भी शामिल है. रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस माफ कर सरकार को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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