खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के सभी साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की पकड़ से अभी भी दूर है. वहीं, पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि अमृतपाल अभी भी फरार है. पंजाब सरकार को हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए पूछा कि 80 हजार पुलिसकर्मी क्या कर रहे हैं? इस पर पंजाब पुलिस ने कोर्ट को बताया कि अमृतपाल के खिलाफ एनएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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अमृतपाल सिंह मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल हो गया है. पूरे ऑपरेशन की प्लानिंग थी, तो फिर अमृतपाल कैसे फरार हो गया. उसके अलावा सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, कोर्ट ने कहा कि हमें पुलिस की कहानी पर विश्वास नहीं है. पंजाब सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल विनोद घई ने कहा कि पुलिस के पास हथियार होने के बावजूद हमें बल प्रयोग करने से रोका गया. कुछ मामले इतने संवेदनशील होते हैं कि हम उन्हें अदालत में उजागर नहीं कर सकते. हम अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान जस्टिस एनएस शेखावत ने कहा कि अगर वह इतनी सुरक्षा के बीच फरार हो गए तो यह खुफिया तंत्र की नाकामी है.
उधर जालंधर के एसीपी निर्मल सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब में ऑपरेशन अमृतपाल जारी है, उसके कई सहयोगियों को गिरफ़्तार किया गया है और भी गिरफ़्तारियों पर काम जारी है. राज्य में लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है. राज्य में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा बनी रहे जिसके लिए हम यहां फ्लैग मार्च कर रहे हैं.
विदेशी ताकत पंजाब का माहौल खराब करने की कर रहे कोशिश
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले को लेकर कहा कि पंजाब के लोग भाईचारे के लिए जाने जाते हैं लेकिन अगर कोई इसपर बुरी नज़र डालता है तो पंजाबी ये बर्दाश्त नहीं करते. पिछले दिनों कुछ तत्व ऐसे थे जो विदेशी ताकतों के हाथ चढ़कर पंजाब में माहौल खराब करने की, हेट स्पीच और कानून के खिलाफ बोल रहे थे. इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और ये पकड़े गए हैं. हमारे लिए प्राथमिकता किताबें हैं कोई गैर समाजिक ताकत नहीं.
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