प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निरीक्षण किया, इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसके बाद ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित किया. लेकिन उससे पहले उन्होंने ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ में बटन दबाकर भारत में टीबी को खत्म करने के लिए प्रमुख पहलों की शुरुआत की, इसके अलावा उन्होंने बटन दबाकर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और उच्च रोकथाम प्रयोगशाला, वाराणसी शाखा का शिलान्यास किया.
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‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि काशी नगरी वे शाश्वत धारा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है. काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जब सबका प्रयास होता है तो नया रास्ता भी निकलता है. मुझे विश्वास है कि टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब वसुधैव कुटुंबकम् यानी ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’ की भावना में झलकता है. ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टि और एकीकृत समाधान दे रहा है. इसलिए भारत ने G20 की भी थीम रखी है एक दुनिया एक परिवार एक भविष्य. 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है. भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है. बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ काम किया है.
समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने आगे कहा कि भारत अब वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. टीबी खत्म करने का ग्लोबल टार्गेट वर्ष 2030 है लेकिन भारत वर्ष 2025 तक TB खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. आज भारत में TB के मरीजों की संख्या कम हो रही है. कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर को TB मुक्त अवार्ड से सम्मानित किया गया है. मैं इस सफलता को प्राप्त करने वाले लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.
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