तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने अपने प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिकदारोग्लू को हराकर फिर से राष्ट्रपति चुने गए हैं. हालांकि विपक्षी नेता कमाल ने एर्दोगन को चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी. जीत के बाद एर्दोगन को दुनिया भर के नेताओं ने बधाइयां दीं हैं जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं.
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आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 99.43 प्रतिशत वोटों की गिनती के बाद मौजूदा राष्ट्रपति एर्दोगन को 52.1 प्रतिशत वोट मिले, जबकि विपक्षी नेता कमाल को 47.9 प्रतिशत वोट मिले. एर्दोगन के लिए यह चुनाव काफी मुश्किल माना जा रहा था क्योंकि उन्हें घरेलू स्तर पर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. अभी कुछ माह पहले भी तुर्की में भयंकर भूकंप आया था उस दौरान भी विपक्ष ने एर्दोगन सरकार का घेराव किया था.
तुर्की में महंगाई आसमान छू रही है और इस साल के विनाशकारी भूकंप के बाद प्रभावित क्षेत्रों में जीवन पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाया है. ऐसे में विपक्ष को लग रहा था कि वो इस चुनाव में एर्दोगन को हरा सकते हैं. इसी वजह से तुर्की के छह दलों के गठबंधन ने कमाल केलिकदारोग्लू को अपना आम उम्मीदवार बनाया था.
पहले दौर का चुनाव 14 मई को तुर्की में हुआ था, लेकिन किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिले थे, जिससे दूसरे दौर का मतदान हुआ था. चुनाव जीतने के बाद अपने भाषण में एर्दोगन ने सभी विवादों को भुलाकर राष्ट्रीय मूल्यों और सपनों के लिए एकजुट होने का वादा किया है. हालांकि, उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा और कमाल पर बिना किसी सबूत के आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है. एर्दोगन ने कहा कि महंगाई तुर्की का सबसे अहम मुद्दा है.
69 वर्षीय एर्दोगन ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “आज की जीत तुर्की की जीत है. मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे अगले पांच साल के लिए फिर से देश चलाने की जिम्मेदारी सौंपी है.”
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