दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए खाद्य भंडारण योजना शुरू की है. सरकार ने यह फैसला कैबिनेट बैठक के बाद लिया है. यह योजना किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. मोदी सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना को मंजूरी दे दी है.
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विश्व की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज की कैबिनेट बैठक में सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना को मंजूरी देने का फैसला किया गया है. अभी तक कुल भंडारण क्षमता 1450 लाख टन है और अब सहकारी क्षेत्र में 700 लाख टन भंडारण क्षमता शुरू की जाएगी. इस योजना पर करीब एक लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
इस योजना के तहत प्रत्येक प्रखंड में 2000 टन अनाज भंडारण गोदाम का निर्माण किया जायेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज की बैठक में Citiis 2.0 को लॉन्च करने का फैसला लिया गया है. इसके हिस्से Citiis 1.0 जैसे ही रहेंगे. इसके लिए 1866 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. city investments to innovate integrate and sustain 1 लाख करोड़ रुपया खर्च होगा.
अगले पांच वर्षों के लिए योजना
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में सहकारी क्षेत्र में भंडारण क्षमता तेजी से बढ़ाई जाएगी. इसके बाद भंडारण क्षमता 2,150 लाख टन हो जाएगी. अनुराग ठाकुर ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य भंडारण योजना बताया है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इस कदम से अनाज की बर्बादी पर रोक लगेगी क्योंकि वर्तमान में भंडारण क्षमता के अभाव में देश में बड़ी मात्रा में अनाज बर्बाद हो जाता है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में अनाज भंडारण क्षमता विकसित होने से आयात पर निर्भरता भी कम होगी और ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
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