ओडिशा के बालासोर में शनिवार को हुए भयानक ट्रेन हादसे में अब तक 275 लोगों के मौत की जानकारी सामने आई है. जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल है, इनमें से कई की हालत गंभीर है जिसकी वजह से मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. इस बीच 101 शव ऐसे हैं जिसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है. शवों की पहचान में देरी के कारण उसको सुरक्षित रखने की जरूरत थी, जिसके लिए दिल्ली से एक विशेष टीम ओडिशा पहुंची है यह टीम कुछ और दिनों तक शवों को संरक्षित करने का प्रयास करेगी.
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राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 200 लोगों का इलाज चल रहा है. 275 मृतकों में से 101 शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. भुवनेश्वर नगर निगम आयुक्त विजय अमृत ने बताया कि भुवनेश्वर में 193 शवों को रखा गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 80 शवों की पहचान की जा चुकी है. 55 शवों को पीड़ित परिवार को सौंप दिया गया है. शव की शिनाख्त कर परिजनों को दिया जा रहा है.
खुर्दा रोड मंडल के मंडल रेल प्रबंधक रिंकेश रॉय के मुताबिक हादसे में 278 लोगों की मौत हुई है और करीब 1100 लोग घायल हुए हैं. इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के सही आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाया था और कहा था कि सिर्फ उनके राज्य के 61 लोग मारे गए हैं और 182 अन्य अभी भी लापता हैं.
बालासोर ट्रेन हादसे के बाद घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है. वहीं अब सरकार के लिए एक नई चुनौती खड़ी हो गई है. सैकड़ों शवों की शिनाख्त करने में सरकार को परेशानी हो रही है. शवों की पहचान में देरी के कारण उनके संरक्षण की आवश्यकता थी, जिसके लिए दिल्ली से एक विशेष टीम ओडिशा आई है, जो कुछ और दिनों तक शवों को संरक्षित करने का प्रयास करेगी.
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