आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान लंदन सेंट्रल बैंकिंग द्वारा देश के सेंट्रल बैंक के गवर्नर को दिया जाता है. सेंट्रल बैंकिंग एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक शोध पत्रिका है. कोविड महामारी के दौरान उत्पन्न आर्थिक संकट और भारत की बैंकिंग प्रणाली को संभालने के दौरान उनके सराहनीय प्रदर्शन के कारण आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है.
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शक्तिकांत दास ने लिए कई बड़े फैसले
शक्तिकांत दास ने रिजर्व बैंक के गवर्नर का पदभार संभालने के बाद कई बड़े फैसले लिए हैं. हाल ही में उन्होंने दो हजार रुपए के नोट को चलन से वापस लेने का बड़ा फैसला लिया था. इसके अलावा, उन्होंने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के बीच मुद्रास्फीति से निपटने में एक सराहनीय भूमिका निभाई है. कोरोना महामारी के संकट काल में भी उन्होंने प्रभावी फैसले लिए और बैंकों को कुछ महीनों के लिए ईएमआई में ढील देने के निर्देश दिए थे.
शक्तिकांत दास ने पेमेंट इनोवेशन सिस्टम का नेतृत्व किया
सेंट्रल बैंकिंग अवॉर्ड्स के आयोजकों का कहना है कि आरबीआई गवर्नर ने भारत में चुनौतीपूर्ण सुधारों के साथ-साथ दुनिया के अग्रणी पेमेंट इनोवेशन सिस्टम का भी नेतृत्व किया है. इसके अलावा उन्होंने मुश्किल समय में भारत को आगे बढ़ाया और उसकी आर्थिक व्यवस्था को संभाला, आरबीआई गवर्नर ने कठिन सुधारों को मजबूती से आगे बढ़ाया और देश की आर्थिक व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाला है.
मार्च 2023 में शक्तिकांत दास के नाम की सिफारिश की गई थी
मार्च 2023 में इस पुरस्कार के लिए प्रकाशन द्वारा शक्तिकांत दास के नाम की सिफारिश की गई थी. वह रूस-यूक्रेन युद्ध, वैश्विक चुनौतियों, कच्चे तेल की कमी जैसी आर्थिक परिस्थितियों के सामने भारत की बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाए रखने में अपने काम के लिए पुरस्कार के लिए पहली पसंद के रूप में उभरे थे. आपको बता दे कि साल 2015 में ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ का खिताब आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को मिल था.
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