राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा, जय हिंद जैसे कई नारे लगाकर देश के स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा का संचार नेताजी ने ही किया था. इसके अलावा उन्होंने कहा कि नेताजी कहते थे कि वह किसी भी चीज के लिए आजादी से समझौता नहीं करेंगे और उन्होंने इसे कर दिखाया.
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डोभाल ने कहा कि नेताजी का जीवन और देश के लिए उनका बलिदान आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा है. बोस न केवल इस देश को राजनीतिक पराधीनता से मुक्त कराना चाहते हैं, बल्कि लोगों की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलने की जरूरत है और उन्हें आकाश में स्वतंत्र पक्षियों की तरह महसूस करना चाहिए.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने समारोह को संबोधित करते हुए आगे कहा कि 1928 में जब लोग इस बारे में बात करने लगे कि आजादी के लिए कौन लड़ेगा, तो बोस आगे आए और कहा, “मैं अपने देश के लिए लड़ूंगा.” उन्होंने कहा कि लोगों की राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मानसिकता को बदलने की जरूरत है. उन्हें स्वतंत्र पक्षियों की तरह महसूस करने की जरूरत है.
एनएसए डोभाल बने मुख्य मेहमान
दिल्ली में एनएसए अजीत डोभाल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य मेहमान बनकर पहुंचे थे. इस मौके पर उन्होंने नेताजी को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन और देश के लिए उनका बलिदान आज भी युवाओं के लिए प्रेरणादायी है.
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