इजराइल और फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास के बीच पिछले एक सप्ताह से भीषण युद्ध चल रहा है. इस बीच इजराइल ने 11 लाख लोगों को उत्तरी गाजा छोड़ने का आदेश दिया है. दूसरी ओर, इजरायली सेना के जवान और टैंक पहले ही गाजा में प्रवेश कर चुके हैं.
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इजरायली हमले के डर से हजारों लोग पैदल ही गाजा छोड़ रहे हैं. उधर, हमास ने लोगों से गाजा नहीं छोड़ने की अपील की है. लेकिन घबराए लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं. इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह पलायन बेहद खतरनाक और कुछ हद तक असंभव है. इसीलिए यूएन ने इजराइल से इस आदेश को वापस लेने की अपील की थी. लेकिन अमेरिका जैसे देशों का साथ मिलने के बाद इजराइल अब यूएन की अपील को भी नजरअंदाज कर रहा है.
ऐसा आदेश देने के पीछे वजह ये है कि गाजा पट्टी का क्षेत्रफल 365 वर्ग किलोमीटर है. इसकी सीमा एक तरफ भूमध्य सागर और तीन तरफ इजराइल और मिस्र से लगती है. हमास ने 2007 में गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था. इजराइल ने जिस इलाके को 24 घंटे के अंदर खाली करने का आदेश दिया है वह पूरे गाजा का एक तिहाई हिस्सा है. इसमें गाजा सिटी के साथ-साथ दो मुख्य शरणार्थी शिविर, जबल्या कैंप और बीच कैंप भी शामिल हैं. इसके अलावा बेइत हनौन और बेइत लाहिया शहर भी इसी क्षेत्र में आते हैं. इस इलाके में करीब 11 लाख लोग रहते हैं. जिनमें से दो लाख लोग दो शरणार्थी शिविरों में रहते हैं. इस क्षेत्र में 6 अस्पताल और दो दर्जन क्लीनिक भी स्थित हैं.
यहां से निकलने का एक ही रास्ता है. एक ही सड़क पर बड़ी संख्या में लोगों का निकलना भी खतरनाक साबित हो सकता है. साथ ही गाजा में ईंधन की आपूर्ति भी लगभग न के बराबर है. सड़कों पर मलबा बिखरा हुआ है. इजराइल के अल्टीमेटम के बाद लोगों ने अपना घर छोड़ना शुरू कर दिया है. कार, ट्रक या पैदल चलकर वे दक्षिणी इलाके में जा रहे हैं. इसका कई वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
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