कोलकाता: अखिल भारत हिंदू महासभा ने नोटों पर महात्मा गांधी की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापने की मांग की है. एबीएचएम ने तर्क दिया कि स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी बोस का योगदान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से कम नहीं था. कोलकाता में एबीएचएम द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा कार्यक्रम में महात्मा गांधी के समान महिषासुर की मूर्ति की स्थापना पर विवाद के हफ्तों बाद संगठन की ओर से यह मांग की गई है.
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एबीएचएम के कार्यकारी क्षेत्रीय अध्यक्ष चंद्रचूर गोस्वामी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, हमें लगता है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी का योगदान महात्मा गांधी से कम नहीं था. इसलिए भारत के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका है उनकी तस्वीर को नोटों पर छापा जाए. गांधीजी की तस्वीर की जगह पर नेताजी की तस्वीर के साथ नोट छापी जाए.
अखिल भारत हिंदू महासभा ने दक्षिण पूर्व कोलकाता में स्थित एक दुर्गा पूजा पंडाल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कथित दानव के रूप में दिखाए जाने के बाद हिंदू महासभा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. देवी दुर्गा ने महिषासुर सहित असुरों का वध किया था. दुर्गा पंडाल में जो मूर्तियां लगाई गई थी उसमें एक मूर्ती गांधीजी के समान छवि वाली थी.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा ने इसकी आलोचना की थी. इस मामले पर विवाद के बाद, मूर्ति को बदल दिया गया और महात्मा गांधी से मेल खाने वाली मूर्ति को हटा दिया गया था. इस मूर्ति के बारे में सबसे पहले एक पत्रकार ने ट्वीट किया था. उसके बाद उन्होंने कोलकाता पुलिस के कहने पर सोशल मीडिया से अपना पोस्ट हटा दिया था. पत्रकार ने कहा कि पुलिस ने उनसे पोस्ट हटाने के लिए कहा क्योंकि इससे त्योहार के दौरान झड़प हो सकती है.
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