ब्राजील में राष्ट्रपति चुनाव के बाद हिंसा भड़क गई है. पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों ने हार के बाद सुप्रीम कोर्ट, संसद और राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया है. उनके समर्थक देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा का विरोध कर रहे हैं. ब्राजील की संसद, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में पूर्व राष्ट्रपति के समर्थकों द्वारा की गई तोड़फोड़ के बाद हुई घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि ब्राजील में सरकारी संस्थानों के खिलाफ दंगों और तोड़-फोड़ की खबरों से वह बेहद चिंतित हैं. पीएम मोदी ने कहा कि सभी को लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करना चाहिए. हम ब्राजील के अधिकारियों को पूरा समर्थन प्रदान करते हैं.
बाइडेन ने कहा- अपमानजनक स्थिति
ब्राजील में हुई इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों द्वारा देश के संसद और राष्ट्रपति भवन और सर्वोच्च न्यायालय पर हमला किए जाने के बाद ब्राजील में स्थिति अपमानजनक थी. इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा कि अमेरिका ब्राजील में लोकतंत्र को कमजोर करने के किसी भी प्रयास की निंदा करता है. राष्ट्रपति बाइडेन स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और ब्राजील की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए हमारा समर्थन अटूट बना हुआ है.
प्रदर्शनकारियों ने संसद-राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट पर धावा बोला
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया और राष्ट्रपति के रूप में लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा के शपथ ग्रहण समारोह में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में घुस गए. इन प्रदर्शनकारियों ने हरे और पीले रंग के कपड़े पहने थे. इनमें से एक समूह स्पीकर की कुर्सी पर चढ़ गया और उसके चारों ओर लोग इकट्ठा हो गए. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी स्पीकर की डेस्क पर चढ़कर माइक्रोफोन से छेड़छाड़ कर रहे हैं.
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