केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में आगामी अमरनाथ यात्रा की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और 31 अगस्त तक चलेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सीमा पार बैठे आतंकियों के आकाओं ने अमरनाथ यात्रा के काफिले पर पुलवामा जैसा आतंकी हमला दोहराने की साजिश रच रहे हैं.
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अमरनाथ का पवित्र गुफा मंदिर दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. पिछले साल 3.45 लाख लोगों ने दर्शन किए थे. इस साल यह आंकड़ा 5 लाख के पार पहुंचने की संभावना है.
अमित शाह की सुरक्षा को लेकर हाई लेवल मीटिंग
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अमरनाथ यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. शाह यात्रा की उचित तैयारी सुनिश्चित करने के लिए चल रही योजनाओं पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. बैठक में तीर्थ यात्रा से जुड़े अन्य लोगों के भी शामिल होने की संभावना है.
पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात रहेंगे
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन तीर्थ यात्रा को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं. उनके नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे.
अमरनाथ यात्रियों के काफिले के दौरान कोई और वाहन नहीं गुजरेगा
वहीं सूत्रों से मिली एक और अहम जानकारी यह है कि सुरक्षा एजेंसियों की एक आंतरिक बैठक में यह तय किया गया है कि इस बार जब अमरनाथ यात्रियों का काफिला जम्मू-श्रीनगर हाईवे से गुजरेगा तो कोई और वाहन इस काफिले में शामिल नहीं हो पाएगा. बता दें कि अमरनाथ यात्रा पहली जुलाई से शुरू होगी. इसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
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