भारत को दरकिनार करते हुए भूटान ने चीन के साथ सीमा विवाद पर चर्चा शुरू कर दी है. 6 साल पहले डोकलाम इलाके में सड़क बनाने की कोशिश हुई थी जहां भारत, चीन और भूटान की सीमाएं मिलती हैं. भारत ने न केवल अपने बल्कि भूटान के हित को ध्यान में रखते हुए चीनी सेना को 73 दिनों तक रोके रखा था. इस मुद्दे पर दोनों देश एक-दूसरे से भिड़ने की कगार पर भी आ गए थे. चीन का भारत के अलावा भूटान से कई दशकों से सीमा विवाद चल रहा है.
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लेकिन अब भूटान ने अब अपने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चीन के साथ बातचीत शुरू कर दी है. दोनों देशों के बीच 21 से 24 अगस्त तक बीजिंग में बैठक हुई थी. भूटान और चीन के बीच बातचीत से भारत की टेंशन बढ़ गई है और वह इस बातचीत पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं. चीन और भूटान अपने सीमा विवाद को हल करने के लिए ‘तीन स्तरीय रोडमैप’ लागू करने में तेजी लाने पर सहमत हुए हैं, और कई दस्तावेजों पर दोनों देशों के बीच हस्ताक्षर भी हुए हैं.
6 साल पहले चीन ने अपना नया नक्शा प्रकाशित कर भारत, भूटान और चीन की सीमा पर स्थित डोकलाम क्षेत्र पर दावा किया था. भूटान डोकलाम को अपना क्षेत्र मानता है और यह क्षेत्र नाथू ला दर्रे के बहुत करीब है, जिससे यह भारत के लिए भी सुरक्षा और रणनीतिक महत्व रखता है. यह जगह सिलीगुड़ी से सिर्फ 30 किमी दूर है. इसी के चलते जब चीनी सेना ने डोकलाम में सड़क बनानी शुरू की तो भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था. 73 दिनों तक भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने रहीं और उसके बाद चीन पीछे हट गया था.
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