दिल्ली: ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने नया फैसला लिया है. दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बयान में कहा है कि थोक में सिम कार्ड बेचने के लिए सिम डीलरों का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है. सरकार के इस कदम से फर्जी सिम कार्ड की बिक्री और एक ही नाम या आईडी के तहत कई सिम कार्ड की बिक्री पर रोक लगेगी.
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नए सिम कार्ड को लेकर सरकार की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं. दूरसंचार सुधारों पर बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमने धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए 52 लाख कनेक्शनों का पता लगाया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया है. मोबाइल सिम कार्ड बेचने वाले 67,000 डीलरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और 300 FIR भी दर्ज़ की गई हैं. इसके अलावा 66,000 व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक कर दिए गए हैं.
#WATCH हमने धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए 52 लाख कनेक्शनों का पता लगाया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया है। मोबाइल सिम कार्ड बेचने वाले 67,000 डीलरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और 300 FIR भी दर्ज़ की गई हैं…66,000 व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक कर दिए गए हैं: दूरसंचार सुधारों पर केंद्रीय… pic.twitter.com/ri2ItolHn3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 17, 2023
नई गाइडलाइंस के मुताबिक, बिना पुलिस वेरिफिकेशन के सिम कार्ड बेचने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. टेलीकॉम मंत्री के मुताबिक, देश में करीब 10 लाख सिम कार्ड डीलर हैं जिन्हें पुलिस वेरिफिकेशन से गुजरना पड़ेगा. इसके अलावा बिजनेस (दुकान) का KYC भी कराना होगा.
एक ही आधार कार्ड पर चल रहे थे 658 सिम कार्ड
देश में आए दिन सिम कार्ड घोटाले उजागर हो रहे हैं. हाल ही में पुलिस ने एक ऐसे फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया था, जिसमें आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया गया था. पुलिस के मुताबिक, एक ही आधार कार्ड पर 658 सिम कार्ड जारी किए गए थे और इन सभी सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा था. तमिलनाडु की साइबर अपराध शाखा ने इसी सप्ताह एक ही आधार नंबर पर एक ही व्यक्ति से 100-150 सिम कार्ड बरामद किए थे. पिछले चार महीनों में, तमिलनाडु की साइबर क्राइम विंग ने धोखाधड़ी गतिविधि के संदेह में पूरे तमिलनाडु में 25,135 सिम कार्ड ब्लॉक कर दिए हैं.
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