दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार करने की मांग को लेकर पहलवान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच दिल्ली पुलिस ने दावा किया गया है अब तक हमें बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. 15 दिनों के भीतर हम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल करेंगे. यह चार्जशीट या अंतिम रिपोर्ट हो सकती है. पहलवानों के दावे को साबित करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है.
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उधर सिंह ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक समारोह को संबोधित करते हुए पहलवानों को फिर चनौती दी है. उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो मैं स्वयं फांसी पर लटक जाऊंगा. आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं. 4 महीने हो गए वो मेरी फांसी चाहते हैं लेकिन सरकार मुझे फांसी नहीं दे रही है तो वो (पहलवान) अपना मेडल लेकर गंगा में बहाने जा रहे हैं. मुझ पर आरोप लगाने वालों गंगा में मेडल बहाने से बृज भूषण को फांसी नहीं मिलेगी. अगर तुम्हारे पास सबूत है तो न्यायलय को दो और न्यायालय मुझे फांसी देगा तो मुझे वो स्वीकार है.
WFI प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बयान पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके पीछे सरकार, सत्तारुढ़ पार्टी और मोदी का बल है. मोदी के बल पर इन्होंने हमारी मां और बहनों के साथ जो यौन शोषण किया है, उसकी परवाह नहीं करते. हमारी बहन-बेटियां वैश्विक मंच पर ताकत दिखाकर हमारे देश को गौरान्वित करते हैं…आज जब उन बेटियों ने बेइज्जती के कारण आंदोलन छेड़ा, तब बेइज्जत करने वालों का पक्ष लेकर और सभी शिकायतों की धज्जियां उड़ाते हुए ये हमारी बेटियों का अपमान कर रहे हैं.
वहीं दिल्ली पुलिस के दावे पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने कह दिया कि उनके पास सबूत नहीं हैं. जब CAA का विरोध हो रहा था, जब शाहीन बाग हो रहा था तब सब लोग बैठकर तमाशा देख रहे थे. जब किसानों का आंदोलन हो रहा था तब सब लोग बैठकर तमाशा देख रहे थे. अब देखिए क्या हो रहा है. पहलवानों के मामले पर अब दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को ही बताना होगा.
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