विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अवधारणा पर दूसरों से सीखने की जरूरत नहीं है. उनका इशारा कनाडा की ओर था, जिसके साथ इन दिनों भारत का कूटनीतिक टकराव चल रहा है. जयशंकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का विस्तार हिंसा भड़काने तक नहीं होना चाहिए. विदेश मंत्री इस समय अमेरिका दौरे पर हैं.
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अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि मेरी समझ यह है कि कनाडा के द्वारा इस्तेमाल किया गया शब्द ‘आरोप’ है, मैंने पहले ही इसका जवाब दे दिया है. मैंने हमेशा कहा है कि अगर कोई जानकारी है तो हमें बताओ, ऐसा नहीं है कि किसी चीज को देखने के लिए हमारे दरवाजे बंद हैं. अगर किसी चीज को हमें दिखाने की आवश्यकता है, तो हम उसे देखने के लिए तैयार हैं. लेकिन फिर हम कहीं न कहीं उम्मीद करते हैं कि वास्तव में देखने के लिए भी कुछ हो.
इसके अलावा विदेश मंत्री ने कहा कि सिख समुदाय के मुद्दों पर पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने जितना ध्यान दिया है, सुझाव निकाले में उससे सब अवगत हैं. अभी जो चर्चा हो रही है वो मैं नहीं मानता कि पूरे समुदाय(सिख) के मुद्दे हैं. ये कुछ अलगाववादी लोग हैं, जिनके तर्कों में हिंसा की बात आती है, इसे पूरे समुदाय का विषय के तौर पर मत लीजिए.
वाशिंगटन डीसी में भारत-कनाडा विवाद पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं गतिरोध शब्द का उपयोग करूं या नहीं, मुद्दा यह है कि कनाडा ने कुछ आरोप लगाए. हमने बताया कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है और यदि वे हमारे साथ विशिष्ट और कुछ भी प्रासंगिक साझा करने के लिए तैयार हैं, तो हम भी इस पर विचार करने के लिए तैयार हैं, पिछले कुछ वर्षों से कनाडा और वहां की सरकार के साथ हमारी समस्या चल रही है, और यह समस्या आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा के संबंध में है. कुछ महत्वपूर्ण प्रत्यर्पण अनुरोधों का उनकी ओर से जवाब नहीं दिया गया. ऐसे व्यक्ति और संगठन हैं जो स्पष्ट रूप से भारत में हिंसा और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. जिन्होंने खुद यह घोषित किया है, यह कोई रहस्य नहीं है. वे कनाडा में अपनी गतिविधियाँ जारी रखे हुए हैं. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि हमारे राजनयिक मिशनों और हमारे राजनयिक कर्मियों को कनाडा में लगातार धमकाया जा रहा है. हमें अपने वीज़ा संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित करना पड़ा, बात सिर्फ इतनी है कि उन्होंने हमारे लिए उन सेवाओं को संचालित करना बहुत कठिन बना दिया है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा को सलाह देते हुए आगे कहा कि अभी ऐसा माहौल है जहां हमारे दूतावास, हमारे उच्चायुक्त, हमारे वाणिज्य दूतावास पर एक तरह से दबाव है, उनके खिलाफ हिंसा का प्रचार हो रहा है. ऐसे माहौल में वे वीजा का काम कैसे निभा सकते हैं. ये कानून-व्यवस्था का विषय है. वियना कन्वेंशन के तहत हर देश की जिम्मेदारी होती है कि वहां के दूतावास और दूतावास में काम करने वालों को सुरक्षा दी जाए, आप इसे द्विपक्षीय मत बनाइए. ये माहौल भारत में नहीं है. प्रदर्शन कनाडा में हो रहे हैं, धमकी कनाडा में दी जा रही हैं, कनाडा सरकार को अपने यहां कार्रवाई करनी चाहिए.
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