जम्मू-कश्मीर: आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने कश्मीर में माहौल खराब करने और लोगों में डर पैदा करने के लिए स्वतंत्रता दिवस के दौरान टारगेट किलिंग की साजिश रची थी. लेकिन सुरक्षा बलों ने बुधवार सुबह बारामूला जिला में दो हाईब्रिड आतंकियों को गिरफ्तार कर इस साजिश को नाकाम कर दिया है. गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ जारी है.
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मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकवादी स्थानीय हैं और उन्हें बारामूला के आजादगंज में सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त बल ने गिरफ्तार किया है. ओल्ड टाउन में लश्कर-ए-तैयबा के दो नए आतंकवादियों को देखे जाने की जिला पुलिस को सूचना मिली थी इसी के आधार पर नाकाबंदी की गई थी. आज सुबह-सुबह नाका पार्टी ने दो युवकों को संदिग्ध अवस्था में घूमते देखा, नाके पर तैनात सिपाहियों ने दोनों युवकों पर कड़ी नजर रखी और उन्हें आगे आने दिया, लेकिन दोनों युवकों ने जब देखा कि जवान उन पर नजर रख रहे हैं तो वह भागने की कोशिश की, इसी दौरान उनको गिरफ्तार कर लिया गया.
आतंकवादियों के पास से घातक हथियारों की बरामदगी
नाका पर तैनात सिपाही पहले से ही तैयार बैठे थे. दोनों को भागने का मौका दिए बगैर ही पकड़ लिया. मौके पर ही दोनों की तलाशी ली गई. इस दौरान उनके पास से एक पिस्तौल, एक मैगजीन, चार कारतूस, एक ग्रेनेड और अन्य हथियार बरामद किये गये. दोनों आतंकियों को गिरफ्तार कर बारामूला पुलिस स्टेशन ले जाया गया है. जहां उनकी पहचान फैसल मजीद गनई निवासी बंगला बाग बारामूला और नूर उल कामरान गनई निवासी बाग इस्लाम ओल्ड टाउन के रूप में हुई है.
15 अगस्त को टारगेट किलिंग की थी योजना
शुरुआती पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे कुछ समय पहले ही आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में सक्रिय हुए थे. उन्हें उनके हैंडलर ने ओल्ड टाउन में एक खास जगह से हथियार लेने को कहा था. 15 अगस्त से पहले उनको बारामूला और उसके आसपास सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड हमले करने और कश्मीरी हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की टारगेट किलिंग करने का काम सौंपा गया था.
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